नमामि दुर्गा नमामि
ब्रम्हाणी नमामि रुद्राणी नमो नमः
नमामि अम्बे नमामि
वैष्णवी नमामि भगवती नमो नमः।
माँ .......माँ
.......माँ .......माँ .......
होके शेरों पे सवार अब तो
आजा की दरश दिखजा मेरे नैना अब थके थके
अपने भक्तों की पुकार सुन
आजा, तुम्हारे चरणों मे शीश सबके झुके झुके
हम हैं तेरे अवगुनी बालक
माता हमे सम्हालो,
पाप बोझ मे दबे पड़े हैं
माता गोद उठालो,
होके शेरों पे सवार अब तो
आजा की दरश दिखजा मेरे नैना अब थके थके
अपने भक्तों की पुकार सुन
आजा, तुम्हारे चरणों मे शीश सबके झुके झुके
मानव जनम बिताया यूँ ही
आज समझ मे आया,
बंधु सखा कोई नहीं अपना
ये तो है सब माया,
होके शेरों पे सवार अब तो
आजा की दरश दिखजा मेरे नैना अब थके थके
अपने भक्तों की पुकार सुन
आजा, तुम्हारे चरणों मे शीश सबके झुके झुके
मन से पाप उतर जाते हैं
तेरा गुण गाने से,
कष्टों से मुक्ति मिलती
है तेरे दर आने से,
होके शेरों पे सवार अब तो
आजा की दरश दिखजा मेरे नैना अब थके थके
अपने भक्तों की पुकार सुन
आजा, तुम्हारे चरणों मे शीश सबके झुके झुके
बाट तुम्हारी देख रहे हैं
'जौहरी' संग सब जोगी,
दर्श मिलेगा हम सब को तो
जीत माँ तेरी होगी।
होके शेरों पे सवार अब तो
आजा की दरश दिखजा मेरे नैना अब थके थके
अपने भक्तों की पुकार सुन
आजा, तुम्हारे चरणों मे शीश सबके झुके झुके
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शशांक जौहरी (लेखक, कवि, फ़िल्मकार)
मेम्बर-द फिल्म राइटर्स एसोसियेशन, मुम्बई, इंडिया
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