मातृ वंदन कर रहें हम आपका- आपका
अभिनंदन कर रहे माँ आपका- आपका
नौ दिनों तक ज्योत यों जलती रहे- जलती रहे,
आपका दर्शन हमे मिलता रहे- मिलता रहे,
जागरण हम कर रहे माँ आपका- आपका
मातृ वंदन कर रहें हम आपका- आपका
अभिनंदन कर रहे माँ आपका- आपका
दो हमे शक्ति की तुमको ध्या सकूं- मैं ध्या
सकूं
चित्त तेरे ध्यान मे लगा सकूं- लगा सकूं
पूर्ण हो वृत नौ दिनों तक आपका- आपका
मातृ वंदन कर रहें हम आपका- आपका
अभिनंदन कर रहे माँ आपका- आपका
कामना हर भक्त की पूरी करो- पूरी करो
दीन जो आये तुरत झोली भरो- झोली भरो
फोड़ दो उसका घड़ा हर पाप का- पाप का
मातृ वंदन कर रहें हम आपका- आपका
अभिनंदन कर रहे माँ आपका- आपका
द्वार पर मंगल ध्वनी गाते हैं हम- गाते हैं
हम
पुष्प हाथों मे लिये आते हैं हम- आते हैं हम
आ पधारो लो सिंहासन आपका- आपका
मातृ वंदन कर रहें हम आपका- आपका
अभिनंदन कर रहे माँ आपका- आपका
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शशांक जौहरी (लेखक, कवि, फ़िल्मकार)
मेम्बर-द फिल्म राइटर्स एसोसियेशन, मुम्बई, इंडिया
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