Wednesday, 21 January 2015

वंदन उन चरणों का कीजे

वंदन उन चरणों का कीजे जो सब संकट टारे
दुष्ट दालान को यों सँहारे ज्यों महिषासुर मारे
ओ मैया तेरी ज्योत जले दिन राती
पहाडा वाली ज्योत जले दिन राती
ओ शेरा वाली ज्योत जले दिन राती,
ओ मैया तेरी ज्योत जले दिन राती
एक बरस जब बीत गया तब
आई माँ की पाती 
आएंगीं नैहर अपने वह ले संग और सगाती,
चारों ओर उमंग में डूबा हर नर मुनि हर जाती
दिवस ना देखे शाम ने देखे और ना देखे राती
ओ मैया तेरी ज्योत जले दिन राती



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शशांक जौहरी (लेखक, कवि, फ़िल्मकार)
मेम्बर- फिल्म राइटर्स एसोसियेशन, मुम्बई, इंडिया 
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