सरकार के पास जनता की दी हुई सारी ताक़त है.. और यह ताक़त आतंकवाद और विदेशी आक्रमंड से बचाने और देश का विकास करने के लिए दी थी.. लेकिन सत्ता के नशे मे चूर लोगों ने सरकारी कुर्सियों का दुरुपयोग करके अपनी तिजोरियाँ भरीं और पॉल खुलने पर गोबर पर पैर रख कर खड़े होने की कोशिश कर रहे हैं... प्रधानमंत्री जी की छवि अब तक सॉफ थी लेकिन अब भ्रष्टाचारियों को शह देकर उनकी छवि भी बहुत खराब हुई है..अगर भरषटाचार रोकने, कला धन वापस लाने और सही लोकपाल बिल लाने की हिम्मत नही है क्योंकि ठगों के सहारे ही सरकार चल रही है तो कम से कम बाबा रामदेव और अन्ना जैसे लोगों को कुचल कर अपनी अनैतिकता का परिचय तो ना दें.. जनता की आवाज़ जितनी दबाएँगे उतनी ही आग मे घी का काम होगा.. शायद ऐसे ही लोगों के लिए कहावत बनी है.. आपात काले विपरीत बुद्धि.
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