(तर्ज़: मेरे सपनो कि रानी कब आएगी तू)
मंहगाई हर रोज बढ़ाएगी तू, चली जा तू चली जा
मेरे देश की परेशानी कब जायेगी तू, कब तक देश लूट लूट के खायेगी तू,.
मंहगाई हर रोज बढ़ाएगी तू, चली जा तू चली जा
लालू से मिल के, माया से मिल के, मुलायम से मिल के, सरकार चलाये, - २
कबतक गुंडों से हाथ मिलाएगी तू
मेरे देश की परेशानी कब जायेगी तू, कब तक देश लूट लूट के खायेगी तू,.
मंहगाई हर रोज बढ़ाएगी तू, चली जा तू चली जा
झूठे-झूठे वादे, क़ातिल इरादे, जाती समीकरण से तू, सांसद जिताये,-२
कब तक बलात्कार करवाये गी तू,
मेरे देश की परेशानी कब जायेगी तू, कब तक देश लूट लूट के खायेगी तू,.
मंहगाई हर रोज बढ़ाएगी तू, चली जा तू चली जा
फूल कमल के हर स्टेट में खिलते, चार दिन में क्यों मुरझा जाते-२
शिव सेना कि बड़ी दीदी क्या बताएगी तू
मेरे देश की परेशानी कब जायेगी तू, कब तक देश लूट लूट के खायेगी तू,.
मंहगाई हर रोज बढ़ाएगी तू, चली जा तू चली जा
मेरे देश की परेशानी कब जायेगी तू, कब तक देश लूट लूट के खायेगी तू,.
मंहगाई हर रोज बढ़ाएगी तू, चली जा तू चली जा
चली जा तू चली जा चली जा तू चली जा चली जा तू चली जा
शशांक जौहरी (लेखक, कवि, फ़िल्मकार, वक्ता)
08285228746
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