Friday, 28 February 2014

(तर्ज़: देख तेरे संसार कि हालत क्या हो गयी भगवान् )

सौ में अस्सी भ्रष्ट बसे मूली से सस्ती जान 
फिर भी अपना देश महान,-२
पैसे से सत्ता पाये सत्ता से चूसे जान फिर भी नेता बड़ा महान
सौ में अस्सी ....

जितना भ्रष्ट जो जितना नंग पैसे कि उसके घर गंगा
भाई भाई को लूट रहा है, करवाता मजहब में दंगा
इन्ही कि काली करतूतों से देश हुआ बदनाम,
फिर भी नेता बड़ा महान-२
सौ में अस्सी भ्रष्ट बसे मूली से सस्ती जान 
फिर भी अपना देश महान-२

जात पात में हम  जो न बांटते क्यों कड़ी गुंडों से पिटते
तानाशाहों को जो न चुनते पांच साल क्यों नाक रगड़ते
जनलोकपाल बना कर लो सारे भ्रष्टों की जान अबकी बेचना मत ईमान,
सौ में अस्सी भ्रष्ट बसे मूली से सस्ती जान
फिर भी अपना देश महान-२

दारू नोट से जो न बिकते, तो किसान क्यों फांसी चढ़ते,
पुलिस न करती गुंडागर्दी, ताकतवर कानून से डरते,
देश के कुछ भ्रष्टों ने अपना बेच दिया ईमान तभी तो मुल्क बना शमशान
सौ में अस्सी भ्रष्ट बसे मूली से सस्ती जान
फिर भी अपना देश महान-२

शशांक जौहरी (लेखक, कवि , फ़िल्मकार, वक्ता)
08285228746



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