Friday, 28 February 2014

कभी राम राम कभी नमो नमो, तुम मत इमोशनल फूल बनो,
नेता जी का युग बीत गया अब आम आदमी को ही चुनो
कभी राम राम कभी नमो नमो ……
गुंडे धमकाने आएंगे नेता बहलाने आएंगे
इस बार न फंसना झांसे में के पांच साल फिर सर को धुनो
कभी राम राम कभी नमो नमो ……
एक स्वच्छ छवि के चक्कर में मनमोहन पी एम् झेला था,
गुजराती सी एम् की  छवि से झूठे ताने बाने  न बुनो
कभी राम राम कभी नमो नमो ……
पहचानो आसारामो को जो आशा देकर ठगते हैं
घर घर में नारायण कर के वहशीपन अपना ढकते हैं
गुजरात अगर समृद्ध हुआ तो गुजरती जो श्रेय मिले
जो पत्नी का न हुआ सगा क्यों देश का स्वामी उसे चुनो
कभी राम राम कभी नमो नमो ……
गुंडों कि सत्ता जायेगी तो पत्थर तो वह मारेंगे,
तुम पर भी कीचड़ डालेंगे हम पर भी धूल उड़ाएंगे
अपनी आँखे तुम साफ करो गुंडों की अब  ना एक सुनो
कभी राम राम कभी नमो नमो ……
टी वी वाले कुछ बिके हुए झूठे सर्वे दिखलाते हैं,
क्रिमनल से धंधा चलता है, क्रिमनल को सत्य बताते हैं,
टी वी में जीत दिखाने से सरकार नहीं बन जाती है,
तुम भेंड़ नहीं हो मानव हो अपना सेवक अब 'आप' चुनो
कभी राम राम कभी नमो नमो ……
शशांक जौहरी (लेखक, कवि, फ़िल्मकार, वक्ता )
08285228746

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